Jasprit Bumrah Fitness: ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हाल ही में समाप्त हुई बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में जसप्रीत बुमराह ने भारतीय टीम के लिए पांच टेस्ट मैचों में कुल 151.2 ओवर गेंदबाजी की और 32 विकेट झटके। हालांकि, सिडनी में खेले गए अंतिम टेस्ट मैच की दूसरी पारी में बुमराह गेंदबाजी करने नहीं उतरे। शनिवार को उनकी पीठ में ऐंठन की शिकायत के बाद स्कैन कराया गया, लेकिन बीसीसीआई की ओर से उनकी फिटनेस को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया।
इस सीरीज में भारत को 1-3 की हार का सामना करना पड़ा, जिसके बाद कई पूर्व दिग्गजों ने बुमराह के ‘वर्कलोड मैनेजमेंट’ को लेकर टीम मैनेजमेंट की आलोचना की। लेकिन 1983 विश्व कप विजेता टीम के सदस्य बलविंदर सिंह संधू ने इस अवधारणा को खारिज करते हुए इसे बेमानी बताया।
बलविंदर संधू का वर्कलोड मैनेजमेंट पर तीखा बयान
संधू का कहना है कि पांच टेस्ट मैचों में 151 ओवर गेंदबाजी करना कोई बड़ी बात नहीं है। उन्होंने कहा,
“वर्कलोड? कितने ओवर डाले? 150 कुछ, है न? लेकिन कितने मैचों में? सिर्फ पांच। यह औसतन 16 ओवर प्रति पारी या 30 ओवर प्रति मैच आता है। और ये ओवर उन्होंने एक बार में नहीं फेंके, बल्कि स्पेल्स में डाले। क्या यह वाकई बड़ा मुद्दा है? वर्कलोड मैनेजमेंट जैसी चीज़ें सिर्फ ऑस्ट्रेलिया ने बनाई हैं। हमारे समय में खिलाड़ी अपने शरीर की सुनते थे, न कि बाहर के किसी ‘थ्योरी’ की।”
संधू ने यह भी कहा कि अगर कोई गेंदबाज एक पारी में 20 ओवर नहीं फेंक सकता, तो उसे टेस्ट क्रिकेट छोड़कर टी20 खेलने पर ध्यान देना चाहिए।
“हमारे दौर में कपिल देव जैसे खिलाड़ी 25-30 ओवर तक गेंदबाजी करते थे। आज के दौर में जब आपके पास बेहतर फिजियो, मसाज और मेडिकल सुविधाएं हैं, तो यह कोई बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए। गेंदबाजी करते-करते शरीर खुद को कंडीशन कर लेता है।”
इस सीरीज में ऑस्ट्रेलिया के पैट कमिंस ने 167 ओवर, मोहम्मद सिराज ने 157.1 ओवर और मिचेल स्टार्क ने 153.2 ओवर गेंदबाजी की। यह दिखाता है कि बड़े गेंदबाजों के लिए लंबी गेंदबाजी करना सामान्य बात है।
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